नहीं, टमाटर या टमाटर का कोई भी हिस्सा किडनी स्टोन नहीं बनाता है। टमाटर के बारे में फैली हुई इस गलत धारणा के पीछे एक अधूरी जानकारी है। किडनी स्टोन अधिकतर ऑक्सलेट नामक मिनरल से बनते हैं और टमाटर में ऑक्सलेट पाया जाता है। इसीलिए लोग सोचते हैं की टमाटर खाने से गुर्दे की पथरी होती है।
लेकिन इसके पीछे का सच यह है की टमाटर में ऑक्सलेट बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है।
100 ग्राम टमाटर में मात्र 5 मिलीग्राम ऑक्सलेट पाया जाता है। अगर आप रोज आधा किलो टमाटर भी खाएंगे तो भी उतना ऑक्सलेट नहीं हो पाएगा की आपको किडनी स्टोन कर दे।
हमारे शरीर में जाने वाला ऑक्सलेट किडनी द्वारा फिल्टर करके निकाल दिया जाता है।
इसलिए यह किडनी स्टोन नहीं कर पाता है। किडनी स्टोन होने का मुख्य कारण डिहाइड्रेशन, बहुत कम पानी पीना या शारीरिक रूप से सक्रिय ना रहना होता है।
अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी पिएंगे तो आपको किडनी स्टोन होने की संभावना कम हो जायेगी।
टमाटर या ऑक्सलेट युक्त भोजन खाने से किडनी स्टोन उन्हीं लोगों को होता है जिनको ऑक्सलोसिस (Oxalosis) नामक बीमारी होती है।
यह बीमारी अनुवांशिक होती है और शरीर ऑक्सलेट का मेटाबोलिज्म नहीं कर पाता है और ऑक्सलेट किडनी में जमा हुआ करता है।
टमाटर से ज्यादा ऑक्सलेट तो पालक, सोयाबीन, बादाम, आलू, आर्टिफिशियल स्वीटनर और खजूर में पाया जाता है।
सिर्फ एक खजूर में 24 मिलीग्राम ऑक्सलेट पाया जाता है। वहीं 100 ग्राम टमाटर में सिर्फ 5 मिलीग्राम ऑक्सलेट होता है।
इस तरह खजूर से किडनी स्टोन होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
पालक - 755 मिलीग्राम ऑक्सलेट (100 ग्राम)
सोयाबीन - 235 मिलीग्राम ऑक्सलेट (100 ग्राम)
बादाम - 122 मिलीग्राम ऑक्सलेट (100 ग्राम)
खजूर - 400 मिलीग्राम ऑक्सलेट (100 ग्राम)
चुकंदर - 675 मिलीग्राम ऑक्सलेट (100 ग्राम)
गेहूं - 269 मिलीग्राम ऑक्सलेट (100 ग्राम)
कोका पाउडर - 623 मिलीग्राम ऑक्सलेट (100 ग्राम)